‘सुर और साज’ में शुभा मुद्गल की स्वरलहरी का जादू, भाव-विभोर हुई सांस्कृतिक नगरी जोधपुर

A musical performance featuring, from left to right, Aneesh Pradhan on the tabla, Shubha Mudgal on vocals, Pooja Vazirani on the tanpura, and Sudhir Nayak on the harmonium.

Aneesh Pradhan, Shubha Mudgal, Pooja Vazirani and Sudhir Nayak perform at Taj Hari Mahal, Jodhpur.

ताज हरिविलास जोधपुर में ‘सुर और साज’ का आयोजन किया गया। ‘कलम’, राइट्स सर्किल’, ‘आखर’ और ‘लफ़्ज़’ जैसी ऋंखलाओं के आयोजन के बाद प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन द्वारा शुरु की गई यह एक नई ऋंखला है। इसके पहले आयोजन में शास्त्रीय संगीत की प्रख्यात कलाकार शुभा मुद्गल ने संगीत प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के आरम्भ में कार्यक्रम की संचालिका ने शुभा मुद्गल का परिचय देते हुए यह बताया कि वह एक विश्वविख्यात कलाकार होने के साथ-साथ संगीत शिक्षा से जुड़ी अनेक परियोजनाओं से भी जुड़ी रही हैं। अनीस प्रधान के साथ मिलकर अंडरस्कोर रेकार्डस के माध्यम से भारतीय संगीत के विविध रूपों में विशेषज्ञता रखने वाले कलाकारों के लिए एक ऑनलाइन वितरण मंच स्थापित किया है। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के ऑनलाइन विश्वकोश संगीत कोश के नाम से शुरु किया है, जिसका मक़सद है भारतीय संगीत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना। इस दिशा में उनके अनेक प्रयासों में से यह प्रयास भी एक है। शुभा मुदगल जी को अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया है। भारत सरकार द्वारा सन 2000 में उनको पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। 

शुभा मुद्गल एक विश्वविख्यात कलाकार होने के साथ-साथ संगीत शिक्षा से जुड़ी अनेक परियोजनाओं से भी जुड़ी रही हैं। 

प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन राजसथान तथा सेंट्रल अफ़ेयर्स की मानद संयोजक अपरा कुच्छल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कार्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि फ़ाउंडेशन की स्थापना 1980 के दशक में प्रख्यात लेखिका, संस्कृतिकर्मी नारीवादी डॉक्टर प्रभा खेतान द्वारा किया गया था। उनके जीवन का दर्शन था कर्म ही जीवन है, जिसको ध्यान में रखते हुए प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन ने साहित्य, कला, संस्कृति के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्यक्रमों का संचालन किया है। उन्होंने बताया कि सुर और साज प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन की उन शानदार पहलों में से एक है जो भारत की विविध कलाओं तथा संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए इस इरादे से शुरु की गई है कि कहीं न कहीं हम सबको संस्कृति की धरोहर को बचाए रखना है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन अपने आयोजनों में स्थानीयता को महत्व देने में विश्वास करती है। उन्होंने यह भी बताया कि फ़ाउंडेशन द्वारा साहित्य, संस्कृति, कला से जुड़े देश भर के आयोजनों में अहसास वुमेन की बड़ी भूमिका रहती है। जोधपुर की अहसास वुमेन शैलजा सिंह, प्रीति मेहता और सुषमा सेठिया का उन्होंने आभार व्यक्त किया।   

इसके बाद शुभा मुदगल ने संगीत प्रस्तुति दी, जिसमें उनके साथ हारमोनियम पर थे जाने माने हारमोनियम वादक सुधीर नायक, तबले पर संगत किया जाने माने कलाकार डॉक्टर अनीस प्रधान ने तानपूरे पर संगत किया पूजा ने। उन्होंने राज मारू विहाग में दो बंदिशें प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के बाद जोधपुर के महाराज गज सिंह और महारानी ने कलाकारों को शाल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। अंत में शचित कुलकर्णी ने ताज हरिमहल जोधपुर की ओर से सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।