किताब भोपाल में मुख्यमंत्री चौहान ने वयोवृद्ध पत्रकार प्रेम प्रकाश की पुस्तक ‘रिपोर्टिंग इंडिया’ का किया विमोचन

Kanika Hasrat, Suchitra Sajid Dhanani, Shibu, Apra Kuchhal, Unnati Singh and Surbhi Dhupar with Prem Prakash and Shivraj Singh Chouhan

Kanika Hasrat, Suchitra Sajid Dhanani, Shibu, Apra Kuchhal, Unnati Singh and Surbhi Dhupar with Prem Prakash and Shivraj Singh Chouhan

चार दशक से भी अधिक समय से प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन अपनी संस्थापिका डॉक्टर प्रभा खेतान के सुनहरे दर्शन कर्म ही जीवन है को आधार बनाकर साहित्य, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में श्रेष्ठ काम करने में संलग्न है। इन क्षेत्रों में अपने कामों से प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इसी क्रम में विगत 27 मार्च को प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन ने ‘किताब’ ऋंखला के तहत भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रेम प्रकाश की पुस्तक ‘रिपोर्टिंग इंडिया: पत्रकारिता की सत्तर वर्षों की मेरी अनवरत यात्रा’ के विमोचन तथा इस पर चर्चा का आयोजन किया। 

इस अवसर पर बोलते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रेम प्रकाश जी का जीवन सचमुच में प्रेरणादायक है। अपनी मेहनत तथा अपनी लगन से किस तरह से संघर्ष करते हुए शिखर पर जाया जा सकता है प्रेम प्रकाश जी का जीवन इसका उत्तम उदाहरण है। उन्होंने 1957 में एक छायाकार के रूप में अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत की। 1971 में उन्होंने एएनआई(एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल) की स्थापना की। यह पहली एजेंसी थी जिसने विडियो समाचारों को सिंडिकेट करने का काम किया। आज एएनआई सबसे बड़ी टेलिविज़न समाचार एजेंसी है।

मुख्यमंत्री जी ने किताब पर बोलते हुए कहा कि इसमें देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल तक का वर्णन है। यह एक तरह से स्वतंत्र भारत का राजनीतिक इतिहास है। जिन लोगों ने उस दौर की राजनीति को नहीं देखी है उनके लिए यह किताब बहुत उपयोगी है।

किताब पर बातचीत करते हुए प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक और राजनीतिक विश्लेषक रशीद  किदवई ने कहा कि प्रेम प्रकाश जी ने यह पुस्तक बहुत साक्षी भाव से लिखी है। बहुत नपे तुले ढंग से लिखा है। इस किताब में प्रेम जी ने इतिहास के साथ साथ कहानी भी लिखी है।

प्रेम प्रकाश जी ने कहा कि सभी प्रधानमंत्री उनके फ़ेवरिट थे। उन्होंने बताया कि वे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बहुत करीबी थे क्योंकि उनका कैरियर उनके ही काल में शुरु हुआ था। मुख्यमंत्री ने उनसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ गुज़ारे गए किसी खूबसूरत पल के बारे में बताने का आग्रह किया तो प्रेम प्रकाश जी ने अटल जी से जुड़ा एक प्रेरक प्रसंग सुनाया। यह प्रसंग एशिया पैसिफ़िक को लेकर उनकी दूरदर्शिता से जुड़ा था। लाल बहादुर शास्त्री से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बताया कि ताशकंद में उनके ऊपर समझौते का दबाव था और शायद इसी कारण से उनकी जान गई।

प्रेम प्रकाश जी से उनकी किताब के बहाने जवाहरलाल नेहरू, इमरजेंसी जैसी ऐतिहासिक घटनाओं को लेकर सवाल पूछे गए और जिनका उन्होंने संस्मरणात्मक जवाब दिए। जब देश को लेकर उनके आकलन के बारे में प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन राजस्थान एवं सेंट्रल अफ़ेयर्स की मानद संयोजन सुश्री अपरा कुच्छल ने पूछा तो प्रेम प्रकाश जी का उत्तर था कि अगर पाकिस्तान ने आक्रमण नहीं किया होता तो भारत की अपनी सेना का निर्माण भी नहीं हुआ होता। क्योंकि प्रधानमंत्री नेहरू अहिंसा की नीति में अपने विश्वास के कारण भारत की सेना का निर्माण भी नहीं करना चाहते थे। उन्होंने पाकिस्तान में रिपोर्टिंग के दौरान फँस जाने को लेकर अनेक संस्मरण सुनाए। जब अपरा कुच्छल ने प्रेम प्रकाश जी से पूछा कि आज के युवा पत्रकारों के लिए वे क्या संदेश देना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि उनको पढ़ते रहना चाहिए।

इस मौक़े पर रशीद किदवई ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई सवाल पूछे जिनका उन्होंने तर्कसंगत उत्तर दिया। जब उनसे पूछा गया कि सोलह साल के दौरान ऐसा कौन सा काम है जो उन्होंने सोचा हो और नहीं कर पाए तो उनका जवाब था कि ऐसा कोई काम नहीं है जो उन्होंने सोचा हो और न कर पाए हों। रशीद किदवई के एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के अनेक विकास कार्यों के बारे में बताया जो उनके कार्यकाल में हुए।

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री प्रेम प्रकाश जी को शॉल ओढ़ाकर और गुलदस्ता देकर सम्मानित करते हुए कहा कि इसके माध्यम से वे पूरे पत्रकारिता जगत का सम्मान कर रहे हैं। इस किताब को लेकर प्रभा खेतान फ़ाउंडेशन अनेक शहरों में सफल आयोजन कर चुकी है। भोपाल का कार्यक्रम उसकी एक कड़ी थी।